खराब मौसम का अलर्ट, सरसों की फसल बोने वाले किसानों के लिए चिंता का कारण।
बताया जा रहा है कि पहाड़ों पर बर्फबारी होने के आसार है। और कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश या कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी होने के आसार हैं। जिस कारण से सरसों और कच्ची फसल वाले किसानों के चेहरों पर चिंता है आइए जानते हैं मौसम का हाल:-
खेती और मौसम का तालमेल किसान को खुशहाल कर सकता है तो और मौसम की मार किसान के चेहरे की खुशी को भी छीन सकती है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मार्च महीने में ही पारा 35 डिग्री के ऊपर तक जा सकता है। जम्मू कश्मीर लद्दाख सहित हिमाचल में मौसम बदल सकता है। पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है मौसम विभाग ने 28 फरवरी के दिन पहाड़ों में बर्फबारी और बारिश की बात को कहा है मौसम विभाग अनुमान के आधार पर भविष्यवाणी करता है।
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अगले चार-पांच दिन में तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री ज्यादा रह सकता है। अगर हम दिल्ली के तापमान की बात करें तो 25 फरवरी को दिल्ली का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस था। अगले 5 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में तापमान सामान्य से ज्यादा बढ़ेगा। लगातार बढ़ रहे तापमान से गेहूं की फसल पर तापमान का असर दिखेगा। फसल खराब हो सकती है। मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए मौसम विभाग ने किसानों को हल्की सिंचाई करने की सलाह दी है..
भारत का गेहूं उत्पादन फसल 2021-22 जुलाई जून में घटकर 10 करोड़ 77. 4 लाख टन रह गया। जो पिछले वर्ष 10 करोड़ 95. 9 लाख टन था। मौसम विभाग ने इस गिरावट की वजह लु का चलना बताया। अब भी मौसम की करवट फसलों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
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