गलत तरीके से पेश किया जा रहा है ख़ालिस्तान का मुद्दा।
आज एक लेख पढ़ने का मौका मिला। जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान के जाने-माने डिफेंस एक्सपर्ट जैद हामिद ने कैमरे के सामने किया खुलासा कि 1971 का बदला लेने के लिए पाकिस्तान प्रमोट कर रहा है खालिस्तान आंदोलन।
अब यहां पर मुद्दे को भटकाने की कोशिश की जा रही है। और इसी तरीके की गलत कोशिशें आग में घी डालने का काम करती है। कुछ सवाल है: जो बंदा डिफेंस एक्सपर्ट होगा वह कैमरे पर खुलेआम कैसे ऐसे गैर जिम्मेदार ब्यान दे सकता है । परंतु हमारी मानसिकता जिसमें हर इल्जाम पाकिस्तान पर लगाकर अपनी जिम्मेदारी से बचना यह नीति कुछ हद तक तो काम आ सकती है। परंतु सत्य को छुपा नहीं सकती। सिक्खों को जो जख्म दिए गए वह भी तब जब सिखों का एक इतिहास भारत के लिए अनेकों कुर्बानियों वाला है.
सिक्खों के साथ हुआ पक्षपात उनको देश की गंदी सियासत के कारण उनके साथ गलत हुआ बर्ताव जिसे सुधार कर नई शुरुआत करने की जरूरत है उसमें ऐसी बेमतलब रिपोर्टें बीच की खाई को और ज्यादा गहरा कर दे देगी। सिक्ख समुदाय का भारत के साथ होना। उनकी देशभक्ति की झलक दिखाता है। परंतु गंदे सियासतदानों ने उन्हें देशद्रोही साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी इसी कारण से सिक्ख कौम बहुत ज्यादा नाराज हो गई।
इस कलयुग में अगर कोई व्यक्ति समाज हित और इंसानियत की सेवा के लिए तन मन धन से सहयोग करता है। तो वह समुदाय मान सम्मान और प्रशंसा का पात्र होता है। परंतु कलयुग में झूठ और पाप के दम पर लोगों को मूर्ख बनाना और उनका शोषण करने वाले ऐसे समाज को कैसे स्वीकार करेंगे। इसी कारण से जिस समुदाय का इतिहास देश सेवा का हो उस समुदाय को सियासत के द्वारा नीचा दिखाने के कारण आज सिक्खों में रोष है। आक्रोश है और आप भ्रमित करने वाली बेतुकी खबरों से मुद्दे को प्रभावित नहीं कर सकते हैं।
पाकिस्तान के किसी एक्सपर्ट के नाम से खालिस्तान आंदोलन को बदनाम करने की यह खबर जिस में दिखाई गई वीडियो को ध्यान से देखने पर पता चल रहा है की वीडियो में जो आवाज है वह वीडियो के चित्र के साथ मेल नहीं खा रही है। और इसके अलावा पाकिस्तान के किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा अगर यह सही इकरारनामा है। तो इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखा क्यों नहीं जाता। इस पर हमारी मीडिया और खबरें क्यों नहीं चला रही है। क्योंकि यह मुद्दे को भटकाने के लिए सोची-समझी एक साजिश है...
जिस देश के पास अपनी जनता के लिए रोटी नहीं है। यहां की जनता खुद भूखी मर रही है। जिस देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। जो खुद भारत के आगे गिड़गिड़ाने के लिए मजबूर होने वाला है। वह कहा से खालिस्तानी आंदोलन को प्रमोट कर लेगा। कहा से श्रीलंका की मदद कर देगा। ताकि भारत का माहौल खराब किया जा सके। ऐसी भ्रमित करने वाली खबरें लोगों के ध्यान को तो भटका सकती हैं। लेकिन सत्य को झुठला नहीं सकती।
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