अमृतसर प्रशासन के साथ अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की झड़प।।

अमृतसर प्रशासन के साथ अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की झड़प?

 अमृतपाल सिंह को लेकर मीडिया ने बहुत कुछ लिखा और बहुत कुछ कहा। अमृतपाल सिंह के समर्थकों और खालिस्तानी विचारधारा के लोगों ने अमृतपाल के हक में भी बहुत कुछ कहा।

अजनाला (अमृतसर) में जो हुआ इस पर विशेष:-

            जिस तरह से अजनाला में पुलिस के साथ झड़प हुई और पुलिस पर पथराव हुआ इस घटना के साथ अमृतपाल में संत जरनैल सिंह भिंडरावाले की झलक नजर आई। अमृतपाल सिंह वैसे तो सिक्ख नौजवानों में अमृत संचार की मुहिम को चलाता है। परंतु धर्मनिरपेक्ष संविधान का यह एक कड़वा सच है कि हमारी सरकारें और प्रशासन काफी हद तक नरम रुख अपनाता है जिसके कारण कई बार सरकार व प्रशासन की किरकिरी हुई। परंतु वोटों की राजनीति में बंधी हमारी सरकारें चुप्पी साध लेती है।

कौन है अमृतपाल सिंह:-

            

   दुबई में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करने वाला कुछ दिन पहले क्लीन शेव यह नौजवान दीप सिद्धू की अचानक एक्सीडेंट में हुई मौत के बाद एकदम से दीप सिद्धू द्वारा गठित वारिस पंजाब दे संगठन का मुखिया बन गया। अमृतपाल सिंह के बारे में बताया जाता है कि इसका गांव जल्लू खेड़ा है नवंबर 2021 तक क्लीन शेव रहने वाला अमृतपाल सिंह एकदम से संत जरनैल सिंह भिंडरावाले की विचारधारा को लेकर सिक्ख धर्म की परंपराओं पर कार्य करने लगा युवाओं को सिक्ख धर्म के साथ जोड़ना। उनमें धर्म के प्रति सम्मान और युवकों को अमृत पान करवाना। गुरु वाणी के महत्व के बारे में समझाना । अमृतपाल सिंह खालिस्तान का भी समर्थक है अमृत संचार मिशन की अगुवाई अमृतपाल सिंह ने शुरू की और खत्म हो चुकी ख़ालिस्तान लहर को दोबारा से जिंदा करने का प्रयास के कारण अमृतपाल सिंह  दिल्ली सरकार की नजर में चुभने लगा। इसी बीच 11 फरवरी को अमृतपाल सिंह ने एक NRI लड़की से विवाह कर लिया और लगने लगा कि अमृतपाल का रुख नरम हो जाएगा। परंतु अजनाला की घटना में इस बात को झुठला दिया। ग्यारहवीं तक की शिक्षा प्राप्त अमृतपाल सिंह ने मोगा के गांव बुध सिंह वाला में गृह मंत्री अमित शाह को संकेतिक रूप में धमकी दे डाली अमृत पाल सिंह ने कहा इंदिरा का हश्र क्या हुआ अमृतपाल सिंह ने कहा कि अगर अमित शाह ने उनकी आवाज को चुप कराने की कोशिश की तो उनका हाल इंदिरा गांधी जैसा होगा। इंदिरा ने दबाने की कोशिश की उनका हश्र क्या होगा अब अमित शाह को उनकी इच्छा पूरी होती दिख रही है।

अमृतपाल की दबंगई के पीछे कौन है:-

              इस पर काफी चर्चाएं हो रही है कि वह किसके दम पर इतना दबंग है उसको यहां पर किसी खालिस्तानी या किसी संगठन ने तैयार करके भेजा है क्या वह किसी देश विरोधी एजेंसी का आदमी है या वह भारत की ही किसी एजेंसी का आदमी है। क्यों उसे सरकार पनपने का मौका दे रही है क्या उसे चुनाव में इस्तेमाल किया जाएगा यह सब अलग-अलग बुद्धिजीवियों की अलग-अलग कल्पनाएं हैं। 

    यहां यह ध्यान रहे सितंबर 2021 में दीप सिद्धू ने वारिस पंजाब दे संगठन की स्थापना की जो संगठन ख़ालिस्तान का समर्थन भी करता था। अचानक रोड एक्सीडेंट में दीप सिद्धू की मृत्यु हो गई। और फिर अमृतपाल सिंह का उदय होता है। यहां पर यह भी बता दे। मोहाली में बंदी सिंगो को लेकर उनकी रिहाई के लिए धरना प्रदर्शन चल रहा है। और दूसरी तरफ अमृतपाल सिंह अजनाला जैसी घटना को अंजाम दे देता है इससे इस बात का तो पता चलता है कि पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट को दोबारा से जिंदा किया जा रहा है अब यह देखना है कि इस मूवमेंट को जिंदा करके राजनीति हमारे देश की ही कोई राजनीतिक पार्टी कर रही है या विदेशी एजेंसियों का हाथ है। यह सब वक्त के गर्भ में है अमृतपाल सिंह का कुछ वक्त में मजबूत हो जाना यह भी इशारा करता है कि उसको किसी बड़ी राजनीति पार्टी की भी सपोर्ट है।

                                    जय हिंद।🙏






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