बंदी सिंहगो की रिहाई पर मोहाली में मोर्चा ?
भारत में कानून तोड़ने पर सजा होने के बाद सरकार की जिम्मेदारी होती है। की वो सजा को पूरा करवाए और कानून का पालन हो उसे पर नज़र रखे। वेवस्थाओ को लागू कारण और सजा के दौरान व्यक्ति क चरित्र कैसा होगा। उस से सजा काम भी हो जाती है। हर😍 लगभग हर सजा या सख्त बंदी को इसका लाभ मिलता। परन्तु ख़ालिश्तान मन्नेर के समय के बंदियों के साथ ऐसा नहीं है। अगर बाकी बंदियों से उनका विश्लेसड़ करे त पाएंगे कि इनको 10 -15 वर्ष ज्यादा हो गए परन्तु रिहाई नहीं मिली और ना ही सरकार किसी जिम्मेदारी ने आधिकरिक कोई ब्यान दिया। इस बात को लेकर सिख समुदाप का एक हिस्सा आंदोलन पर ह। और महोली में मोर्चा चल रहा है। मांग है। बंदियों की रिहाई क्योकि ये लोग पंजाब और सिक्खों के हक़ के लिए लड़ रहे थे। इन्हें नाम दिया गया बंदी सिंह और मोर्चा जारी है। इन्हें बंदी सिंह को नाम से समाधान करने पर शिव -सेना पुंजाब के कुछ कार्यकर्ताओं ने एतराज किया था। क्योकि इन पर जो💨 चार्ज थे वो गंभीर थे और भारत के संभिधान के💙 अनुसार देश द्रोह के है। और काफी मानवता के खिलाफ है। इसी कारण इन्हे बंदी सिंह कहने पर एतराज हुआ। परन्तु एक सत्य ये भी है। जब हको की लड़ाई होती है।और उस मूवमेंट में कोई ऐसी इतिहास घटनाओं है। जिन में आप लोगो का नुकशान हुआ और सजा के बाद बंदियों को दूर मिली। उदहारण फूलन देवी का केश और राजीव गाँधी हत्याकांड और बिल्किश बनो केस आदि ये तो केश है। जो काफी घातक थे और फूलन देवी रिहा हुई और सांसद निर्वाचित हुई राजीव गाँधी हत्याकांड में भी आम लोगो की मृत्यु हुई थी उस घटना को अंजाम देने वालो की रिहाई 💜हो गई है। बिलकिस बानो केस में भी सजा माफ़ हुई परन्तु बन्दी सिंह आज भी रिहाई का इंतज़ार कर रहे है। सरकार फैसला नहीं ले प् रही है। और दूसरी तरफ इन लोगो की सपोर्ट में भी ज्यादा बढ़े लोग नहीं है। मानी राजनितिक लाभ नहीं है। तभी सब सरकारें इन पर फैसला लेने से बच रही है। सरकार रिहाई को लेकर खुलकर बोल भी तो नहीं रही है। ये मुद्दा इस समय इसलिए भी उछला है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। अकाली दल का वजूद खतरा में है। तो धर्म की राजनितिक शुरू हुई है। परन्तु मानवता के अनुसार बंदियो को रिहाई मिलनी चाहिए सजा माफ़ी होनी चाहिए और सरकार आधिकारिक ब्यान दे। ध्यानवाद 💚 जय हिन्द। जय भारत। 💛🙏 |
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