rahul gandhi-जब से भारत जोड़ो यात्रा पर निकले है। तो उनका सामना पंजाब में आकर आपने पूर्वजो के कारण सिख समुदाप के एक वर्ग से हुआ है। जो सांता में रहते इंद्रा गाँधी और राजीव गाँधी के कारण सताया हुए है। या इसे यूँ कहे कि सन्तपछ की नीतियों का विरोध करते -करते कुछ कटटरपछि लोग सन्ता में बैठे गाँधी परिवार से उड़ गए और उसका कमिया जो कुछ ऐसे लोगो भुक्तान पड़ा जो जो आपने धर्म से प्यार करते थे। और सिक्खो विरोध शासनऔर प्रशासन लहर का प्रकति के हुआ उस नुकशान अब भी कांग्रेस विरोधी एक वर्ग को बनता है। क्योकि संत्रा के नशे में चूर राजीव गाँधी या उनकी टीम जो अपनी गुडविल बनाना चाहती थी की हमने अपनी प्रिये नेता गाँधी बदला उन लोगो से लिया जो निहथ्हे थे जो जानते ही नहीं थे उन्हें को मारा जा रहा है। जिनका कशुर सिर्फ था की वह दुर्भाग्य से उस जाती में पैदा हुए थे। जिन्होंने संत्रा पछ की बात को मानने से दिया और उसका खामियाजा उन्हें भुगतान पड़ा। जबकि उनका कशुर कुछ भी नहीं था वह अपनी रोटी के जुगाड़ में हर तरह की
संत्रा के साथ तालमेल बिठा केर चल रहे थे। बस उनका इतहास हमेशा देल्ली तरफ विरोधी रहा उसी कारण पूरी सिक्ख कौम को उस छोलना। पड़ा वही जख्म अब गाँधी परिवार का सामना करते समय ताजा हो जाते है। और कुछ जख्मो को समय की,, अब सवाल ये कि गलती किसी की और उसकी सजा उसे क्यो देई जाती है जिसने गलती की ही नहीं और अगर हमलोग इंद्रा और राजीव की गलतियों की सजा राहुल गाँधी को ये कहकर देते है. कि ये गाँधी परिवार का वंश है। तो हम उन लोगो सही सावित करते। है जिन्होंने पूरी सिक्खो कौम मारा -लुटा क्योकि इसी काम के दो वक्तियो ने इंद्रा की हत्या की थी। मतलब मानसिकता दोनों की एक जैसी है। इसलिए राहुल गाँधी को इसलिए नकारना गलत। है कि वो गाँधी है। बाकी उसकी राजनिटिक समझ के आधार पर वोटर का। और मुद्दों पर वोट मिलते है। और मिलने चाहिए। अब जब 1984 के समय की बात चली तो जिस लोगो शोषड़ हुआ। जिहने ससरकार सुरक्षा नहीं दे सकीय जिहने उस समय की चोट कारण काफी परेशानियो करना पड़ा। के दोषियों को सरकार नहीं दिलवा पायी। परन्तु मुवाजा तो देदी। ये मुद्दा। है कहते। है कई लोग तो मुवाजा पा गए क्योकि उनकी पर परन्तु कई श्रेब ऐसे।भी है यहाँ की वोट चुनावी सीट पर असर नहीं लब्री उन लोगो का कोई महत्व नहीं पा सके। लोग ये मुद्दों पर बातचीत होनी चाहिए। ना की दफ़न मुद्दों को सिर्फ राजनितिक लाभ इस्तमाल करना और राहुल गाँधी टारगेट कर के आपने वोट बैंक को मजमूत करना। ये गलत। है भारत जोड़ो यात्रा मध्यम से लोगो को फिर एक मंच पर इक्क्द्धा करना प्रयास है। संविधान को बचाने प्रयास है। समाजिक भाईचारे को बचाने मुहीम सिर्फ कांग्रेस या rahul gandhi की नहीं है। ये मुहीम हर उस व्यक्ति की है। जो भारत से प्यार करता है। जो देश गुलाम रहा। सौरवथी प्रकति के कारण देश को बाहरी लुटेरों ने लुटा और हम लोग जो अलग - अलग सोच कारण बाटे हुए थे। हमें मुठी भर लोगो ने गुलाम रखा क्योकि हमारे शासक जिनके पास बहुत बड़े - बड़े खजाने थे परन्तु एकता न होने के कारण हम लोग की गुलामी को स्वीकार करते रहे परन्तु आपस में बैर रखते रहे थे इतिहास कह रहा है। आजादी के बाद हम लोगो को बाटने का काम भी कांग्रेस ने शुरू किया क्योकिअंग्रेजो को देखकर उह्नोने महशुश कर लिया था। की जब तक बातोगे नहीं राज नहीं केर पाउँगा और संत्रा सुख के लिए कांग्रेस ने इतिहास की गलतियों को दोहराया। अब बाकी की पार्टिया जो कांग्रेस से भी के भाईचारे को जोड़ने का नारा देना पड़ा। बस अब भगवान् से प्राथना है। की देश भगति अब सफल हो दिखने की नहीं क्योकि संतरा लोभ अक्सर विस्वातघाट ही करवाता है। राज जब तक सेवा नहीं होगा। तब तक लोकतंत्र जिन्दा नहीं रह सकते। और हम लोगो ने काई भगत और आजाद और सुभाष खोए है। संत्रा लोभ में शास्त्री जैसे नेता भी खोए है। परन्तु शायद अब हम लोग जिन्दा हो जाए क्योकि लोकतंत्र में कांग्रेस या b.j.p नहीं भाईचारा व आपसी विष्वास जब तक नहीं जुड़ता या जीतता , गुलामी दूर हो ही नहीं सकती है। इसलिए सेवा में खा गया है। नर सेवा ही नारायड़ सेवा है। एकता में ही जीत बाकी आप लोग समझदार है। धयन्वाद 🙏💖
जय। हिन्द। जय भारत।
जय। हिन्द। जय भारत।
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