Punjab Politics News :- पंजाब में बन रहे नए राजनीतिक समीकरण, जिम्मेदार कौन ?

पंजाब के माहौल को फिर से खराब करने की राजनीति चल रही है। समाज को बांटने के लिए लगातार गलत ब्यानबाजी की जा रही है। इस सबके पीछे की वजह है। अपना उल्लू सीधा करना ऐसा लग रहा है। सब कुछ पहले से ही सेट है अब आपको बतातें हैं कैसे ?





अमृतपाल सिंह जिसका उदय कुछ समय पहले हुआ है। उसका आना और कुछ सिख धर्म की मर्यादा के अनुसार अच्छे कार्य करना साथ के साथ सिखों को ये कहना कि आप गुलाम हैं। उनकी भावनाओं को उकसा रही है। अब इसी सबके बीच हत्या हो जाती है सुधीर सूरी की और कहा जाता है। कि अमृतपाल सिंह के बयानों के कारण यह सब हुआ। कुछ लोग कहतें हैं। अमृतपाल सिंह अब जिम्मेदारी क्यों नहीं ले रहा है। अमृतपाल सिंह अपने हाँथ पीछे खिंच रहा है। और सुधीर सूरी की हत्या को शिवसेना के बाकी नेता जो हैं। वो हिन्दुओं पर हमला और पंजाब में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं। ये बात कह कर माहौल खराब कर रहे। हैं अब प्रशासन मूक दर्शक बना देख रहा है। शिवसेना के नेताओं को सुरक्षा दे रहा है। परन्तु बयानबाजी नहीं रोक रहा। ऐसा लग रहा है। सब प्लानिंग से हो रहा है। या प्रशासन मजबूर है कि कहीं स्थिति बिगड़ न जाए।



कुछ लोग अमृतपाल सिंह पर भी आरोप लगा रहें हैं। कि उसने गुरु की हजूरी में झूठ बोला है। वो संदीप सिंह की फोटो जो अमृतपाल सिंह के साथ में है। शेयर कर रहे है। शायद ये वो लोग है। जो इस बात पर खफा है। कि इस बन्दे ने पंजाब को फिर से पुराने समय पर लाकर खड़ा कर दिया। इतिहास अपने आपको दोहरा रहा है। पुराने नेताओं के किये वादों के कारण बने माहौल को पता नहीं पंजाब कब तक भुगतेगा। परन्तु जो इस समय घटनाएं हो रही है। ये पंजाब के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। सुधीर सूरी और अमित अरोड़ा  जैसे लोग कब तक माहौल को बिगाड़ते रहेंगे।




अमित अरोड़ा  ने तो हमारे प्रधानमंत्री पर भी आरोप लगा दिया कि प्रधानमंत्री जब पंजाब आये थे तो वो अमित अरोड़ा  को मिल कर नहीं गए। शायद अमित अरोड़ा ये भूल गए कि पंजाब का हर वर्ग सुरक्षित है। चाहे खालिस्तान के समर्थक ही क्यूँ न हो उन्होंने कभी भी हिन्दुओं पर वार नहीं किया। कभी किसी भी हिन्दू पर अपशब्द नहीं कहे। मेरे संज्ञान में ऐसी कोई घटना नहीं है। बाकी रहे सुधीर सूरी और अमित अरोड़ा  इन जैसे नेताओं को छोड़कर और इन्होने भी ब्यानों से अपशब्द निकाल कर गलत राजनीति की तभी किसी भावनाओं में बहे सिख ने सविंधान और क़ानून को तोड़कर गलत किया। जो नहीं होना चाहिए।

अब प्रशासन को चाहिए कि वो इन दोनों ग्रुपों की लगाम कसे ताकि और कोई संदीप सिंह पैदा न हो सके। और अगर ये सब फिक्स है तो फिर से संघर्ष के लिए तैयार रहें पंजाब के लोग इसलिए कुछ भी कहना और करना परन्तु पहले इतिहास को मुख्य रखकर सोच विचार कर लें। ये मेरे निजी विचार हैं। अगर आप सहमत न हों तो मर्यादा में रहकर कमेंट करें और मार्ग दर्शन करें। 

जय हिन्द।

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