अरविन्द गिरी - 139 विधानसभा, गोला गोकरननाथ खीरी (UP)
अरविन्द गिरी गोला से बीजेपी के वर्तमान में विधायक और गोला की
राजनीति में उनकी पकड़ कितनी थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता था कि वह अलग
अलग पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने के कारण भी पांच बार विधायक निर्वाचित
हुए। उनका अपना वोट बैंक था। लोगों में अपना प्रभाव था।
अरविन्द गिरी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1993 के छात्र जीवन से राजनीति में आने के बाद हुई 1994 में सपा की सदस्यता ग्रहण की। और 1995 में रिकार्ड मतों से चुनाव जीत कर गोला पालिकाध्यक्ष बने और 1996 में 13 वीं विधानसभा में सपा के टिकट पर पहली बार 49 हजार मत पाकर विधायक बने। 1998-1999 सदस्य लोक लेखा समिति, 2000 में दोबारा पालिका परिषद् गोला के अध्यक्ष बने, 2002 में सपा के टिकट से 14 वीं विधानसभा के दूसरी बार विधायक बने, 2002-2003 सदस्य, प्राकक्लन समिति, 2005 में सपा शासन काल अनुध वधू अनीता गिरी को जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित कराया, 2007 में नगर पालिका परिषद् गोला के अध्यक्ष पद पर पत्नी सुधा गिरी को जितवाया। 2007 में ही 58 हजार मत पाकर तीसरी बार पंद्रहवी विधानसभा में विधायक बने, 2007-2009 सदस्य अधिष्ठाता मण्डल, 2008 सदस्य, प्रतिनिहित विधायक समिति, 2007 - 2009 सदस्य, प्रदेश के स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच सम्बन्धी समिति, मार्च 2022 में 18 वीं विधानसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी पांचवी बार विधायक निर्वाचित हुए।
नाम - अरविन्द गिरी पिता का नाम - स्वर्गीय राजेंद्र गिरी जन्म तिथि - 30/06/1958, स्थान - गोला गोकरननाथ, धर्म-हिन्दू, जाती - पिछड़ी (गुसाईं), शिक्षा - स्नातक, बीपीएड, विवाह तिथि - 21/06/1991, पत्नी का नाम- सुधा गिरी, संतान- दो पुत्र, दो पुत्रियाँ, व्यवसाय- कृषि, अध्यापन, मुख्य निवास - मोहल्ला तीर्थ गोला गोकरननाथ- जिला लखीमपुर खीरी, मृत्यु - 06/09/2022
पांच बार का विधायक और सरकार में मंत्री एक बार भी नहीं ये सोचने का विषय है। इस बार के सांसद के चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी से खीरी सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। परन्तु पार्टी ने अजय मिश्र टेनी में विश्वास जताया। बजाज ग्रुप की मीलों (शुगर) ने किसानों का भुगतान नहीं किया। तो अपनी सरकार के रहते बजाजग्रुप के मेन कुशाग्र बजाज व ग्रुप के अधिकारियों पर FIR दर्ज करवाई। सपा की सरकार में विधायक रहे परन्तु मंत्री नहीं बने। शायद पार्टी बदलने के कारण बीजेपी में मंत्री नहीं बन पाए। इस बार का चुनाव लड़ने पर मेडिकल कालेज का वादा गोला वासियों से किया था कालेज गोला तो नहीं परन्तु लखीमपुर खीरी देवकली में उसका निर्माण शुरू हो गया। अतः जीवन में गोला की राजनीति और लोगों के प्रिये विधायक अरविन्द गिरि जी अपनी कार से राजधानी लखनऊ के लिए जा रहे थे। तभी चलती गाड़ी में उन्हें हार्ट अटैक आ गया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनका निधन हो चुका था।
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