असम मिजोरम का सीमा विवाद क्यों भड़कता है बार-बार
Assam Mizoram border dispute erupts again and again !!
भारत में वैसे तो कई राज्यों में सीमा को लेकर विवाद चलते रहते हैं मगर असम मिजोरम में सीमा को लेकर क्यों होता है बार-बार विवाद.
Assam Mizoram border dispute erupts again and again !!
आपको बता दें कि भारत देश के बीचो-बीच 2 राज्यों असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर हिंसा होने के बाद 5 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई जबकि 50 से अधिक घायल हो गए घायल होने वालों में एक पुलिस अधीक्षक भी शामिल है इन दो राज्यों के बीच सीमा विवाद लगभग 150 साल पुराना है इसे लेकर दोनों राज्यों में अक्सर विवाद होता रहता है !!
आपको बता दें कि भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि सीमा विवाद को लेकर इतनी हिंसा की स्थिति बनी है और दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री तक आपस में ट्वीट पर भीड़ गए सोशल मीडिया पर भी यह विवाद छाया रहा !!
Assam Mizoram border dispute erupts again and again !!
आपको बता दें कि या घटना तब शुरू हुई जब रविवार को दिन के लगभग 11:30 बजे कछार जिले में वे अगले ऑटो रिक्शा स्टैंड के पास बने सीआरपीएफ पोस्ट में असम के लगभग 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी पहुंचे इन लोगों ने मिजोरम पुलिस और स्थानीय लोगों पर बल प्रयोग किया पुलिस के बल प्रयोग को देखते हुए जब स्थानीय लोग वहां जमा हुए तो उन पुलिस वालों ने लाठीचार्ज टीयर गैस का इस्तेमाल किया जब असम पुलिस ने ग्रेनेड फेंके और फायरिंग की तो मिजोरम पुलिस ने शाम 4:50 पर फायरिंग की !!
आपको बता दें कि असम मिजोरम के बीच का विवाद लगभग 1875 की एक अधिसूचना से पैदा हुआ है जो लुशाई पहाड़ियों को कक्षा के मैदानी इलाकों से अलग करता है मिजोरम पड़ोसी राज्य असम के साथ 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करता है मिजोरम पहले 1972 तक असम का हिस्सा था या लुशाई हिल्स नाम से असम का एक जिला हुआ करता था जिसका मुख्यालय आइजोल था !!
Assam Mizoram border dispute erupts again and again !!
आपको बता दें जब मिजोरम लुशाई हिल्स के नाम से असम का हिस्सा था तब भी इसकी मी जो आबादी और लुशाई हिल्स का क्षेत्र निश्चित था आपको बता दें कि 5875 में ब्रिटिश राज में चिन्हित किया गया था मिजोरम कि राज्य सरकार इसी के मुताबिक अपनी सीमा का दावा करती थी असम सरकार यह नहीं मानती है कि असम सरकार 1937 में चिन्हित की गई सीमा के मुताबिक अपना दावा करती है इन दोनों माह में काफी अंतर है विवाद की असली जड़ एक दूसरे पर ओवरलैप 1318 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा है जिस पर दोनों सरकारें दावा छोड़ने को तैयार हैं !!
हालांकि मिजोरम से जो रिपोर्ट आई है उसका कहना है कि अट्ठारह सौ पचहत्तर का नोटिफिकेशन बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन 1873 के तहत आया था जबकि 1933 में जो नोटिफिकेशन आया उस वक्त में जो समुदाय के लोगों से सलाह मशविरा नहीं किया गया इसलिए समुदाय ने इस नोटिफिकेशन का विरोध किया !!
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आपको बता दें कि ऐसा असम और मिजोरम दोनों के बीच वर्ष 2018 में सीमा विवाद हुआ और फिर अगस्त 2020 में यह फिर से सत्ता पर आ गया तब असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को इस बारे में चिट्ठ लिखी थी उन्होंने तब भी अमित शाह से इस मामले में दखल देने की अपील की थी लेकिन रह-रहकर अभी-अभी बाद दोनों राज्यों में बढ़ता जा रहा है !!
NNN
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