जिम्मेदारी को उठाने वाला कोई ना हो वहां लूटेरे पहुंच जाते हैं।

           


 टाइटल बड़ा अजीब है ना परंतु यह बात हमारे देशवासियों के लिए है हमदर्द तो हर कोई बना घूम रहा है परंतु जिम्मेदारी कौन निभाएगा। जैसे सबसे पहले आम आदमी पार्टी की बात


केजरीवाल जेल में और वहीं से चलाएंगे सरकार को अब उनकी यह हिम्मत देखकर विपक्ष के नेता मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी में अंदरूनी सत्ता संघर्ष चल रहा है। केजरीवाल ने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनने के लिए आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम लिया है ईडी की जांच में ताकि उनकी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी हल्की हो जाए। अब यह विपक्ष की चाल है या सत्य यह तो कहना मुश्किल है परंतु जनता को जिम्मेदारी निभानी है दूसरी तरफ मेनका गांधी से वरुण गांधी के सांसदी टिकट पर सवाल पर वह टल गई। इंडिया गठबंधन को कमजोर करने के लिए तीसरे मोर्चे का गठन हो गया। परंतु यह साथ-साथ क्यूं नहीं आए। यानी इन सबको सत्ता सुख चाहिए जनता के प्रति जिम्मेदारियां का क्या। जनता को खुद अपने प्रति सजग होना पड़ेगा। जेल में एक सांसद की मृत्यु हो जाती है जहर देने का आरोप लगता है और जिम्मेदार व्यक्ति पल्ला झाड़ लेते हैं। कि माफिया है तो भाई पहले किसी को बदनाम करो फिर वह मर भी जाए तो कोई नहीं पूछता कौन जुड़ना चाहेगा बदनाम व्यक्ति के साथ परंतु अगर वोट की बात हो तो हर कोई बदनाम व्यक्ति के घर अफसोस करने जाएगा। जैसा कि जब ओवैसी की पार्टी के प्रवक्ता आसिम वकार मुख्तार के घर गए तो अखिलेश यादव ने भी धर्मेंद्र यादव को उनके घर भेजा। जबकि अखिलेश खुद नहीं गए।

             शराब घोटाले में जिस गवाह के बयान पर केजरीवाल जेल गए। उसे NDA ने टिकट दे दिया। यहां पार्टी की सेवा करने पर इनाम के रूप में तरह-तरह के गिफ्ट या टिकट या ओहदे मिलते रहते हैं यह सब व्यापारी है और इनके इसी बर्ताव के कारण जनता का भला नहीं होता और शोषण होता रहता है गलती जनता की भी है जो उन्हें जिम्मेदारी का एहसास ही नहीं करवाती उल्टा जातिवाद, नशे आदि के लालच में अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है गलतियों का नुकसान पहले भी झेला है परंतु वक्त के साथ भूल जाती है जागिए कहीं देर ना हो जाए।

                       जय हिंद।

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