Asia Cup 2022 :- क्या विराट् कोहली जानबूझकर टीम के अनुसार नहीं खेल रहा है। रोहित और विराट् में टकराव है ?



भारत की हार हुई एशिया कप से भारत बाहर हो गया। अब एक्सपर्ट हार के कारणों को खोज रहें हैं मीडिया में हाय - तौबा मची हुई है। एशिया कप की सबसे प्रबल दावेदार भारत फ़ाइनल तक भी नहीं पहुंची और टुर्नामेन्ट से बाहर हो गई। टी -20 की अपराजित टीम बिखर गई। रोहित शर्मा इस हार के कारण प्रेशर में हैं। और विराट् कोहली फ़ार्म में वापिस आ गए। एशिया कप के लास्ट मैच में अफगानिस्तान के खिलाफ टी -20 का पहला विराट् कोहली का शतक ये दर्शा रहा है। कि रोहित शर्मा के प्रेशर में आने के बाद विराट् कोहली के ऊपर से प्रेशर हट गया है। 



ये बात हम इस लिए कह रहे हैं। टीम इंडिया के अंदर जो राजनीति चल रही है वो टीम का बेड़ा गर्ग कर रही है ये आज की बात नहीं है। स्टार प्लेयरों का टीम पर प्रभाव। उनके आपसी टकराव का कारण बन जाता है। जिसका नुक्सान टीम को होता है। जैसे कप्तान का काम होता है। अपनी टीम के खिलाड़ियों से बेहतर खेल को लेना परन्तु हर दिन हर प्लेयर का नहीं होता यहाँ कप्तान का काम होता है। उसे उभारना परन्तु अगर कप्तान ऐसा नहीं कर पाता तो नुक्सान टीम का होगा। अब यहाँ बताना चाहेंगे कि सौरभ गांगुली जो खुद एक स्टार हैं। उनका टकराव विराट् से हुआ जो उस समय कप्तान थे। रवि शास्त्री टीम कोच थे। विराट् और रवि की जोड़ी भारत की टीम को व्यवस्थित करते थे। विराट् स्वभाव से स्टार प्लेयर थे यही सौरभ को उनका कुछ व्यवहार सही नहीं लगा और टीम में चेंज हुआ। रोहित कप्तान बने और टीम जीत राह पर थी परन्तु कोहली आउट ऑफ फ़ार्म हो गए। प्रेशर कोहली पर हावी हो गया।



एशिया कप में टीम हार गई और फिर हार गई रोहित प्रेशर में आ गए। कोहली फ़ार्म में आ गए। अब अंदाजा लगा लें क्या हो रहा होगा टीम में। बात तो यहाँ तक चल रही है कि धोनी को वापिस लाया जा रहा है। ये सब क्यूँ हो रहा है। देश और टीम से ज्यादा सबको अपनी पोजीशन से प्यार है। कोहली ने जो लास्ट चार पारियाँ खेली हैं। उसमें पाकिस्तान के खिलाफ जिसमें पाकिस्तान जीता है। उसमें टीम ने 15-20 रन कम बनाए और कोहली ने हाफ सेंचुरी बनाई। श्रीलंका के खिलाफ 0 पर आउट अब हम किसी प्लेयर पर सीधा आरोप तो नहीं लगा सकते परन्तु दाल में कुछ तो काला है।

अगर जैसा हम लोग रहे हैं। वैसा ही है तो IPL में खिलाड़ियों के अंदर टीम के प्रति व देश के प्रति भावना ख़त्म होती जा रही है। पैसा मानसिकता पर हावी है। स्टार प्लेयरों का एक जुट न होना टीम को संगठित नहीं होने दे रहा। टीम के प्रयास पर असर पड़ रहा है। टीम हार रही है।

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