किसानों के साथ राजनीतिक पार्टियां व प्रशासन के अधिकारी अलग अलग समय पर वादा करते रहे हैं पर अपने वादों पर कभी भी खरे नहीं उतरे हैं
गन्ना भुगतान के लिए गोला और पलिया में धरना लगा था किसान लगातार भुगतान के लिए लगे थे दवाब बनने लगा था शासन और प्रशासन पर तो प्रशासन शासन के अनुसार लगा मिल खुलवाने के लिए धरना प्रदर्शन वाले किसानो के साथ बातचीत के गयी काफी बात के बाद मिल के अधकारियो को साथ ले कर तह हुआ 31 दिसम्बर तक भुगतान हो जायेगा कुछ अगर रह गया वो जनवरी में हो जायेगा इन वादों के साथ धरना ख़तम हो गया किसान नेताओँ ने वाही वाही लूटी अधिकारियों से फोटो खिचवाए गये शोशल मीडिया पर डाले गये
अब दोबारा से किसान नेता सोसलमीडिया पैर सक्रिय होकर कह रहे है वडा तोडा गया है दोबारा से किसानो को आने का न्योता दिया गया कोई डीएम को ज्ञापन दे रहा है कोई गन्ना आयुक्त के घेराव की बात कर रहा है प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है
भुगतान क्यु नहीं हो रहा
अधिकारियों से बाते होती है तो वो कैमरे से हट कर कहते है की जब तक लिमिट नहीं होगी भुगतान नहीं होगा
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