इस महिला ने टाटा कंपनी को डूबने से बचाया !! This woman saved the Tata company from sinking !!

 इस महिला ने टाटा कंपनी को डूबने से बचाया

This woman saved the Tata company from sinking !!

आपको बताते हैं उस महिला के बारे में जिसने टाटा कंपनी को डूबने से बचाने के लिए बेच डाला अपना कुछ बेशकीमती सामान.

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This woman saved the Tata company from sinking !!

आपको बता दें कि एक समय ऐसा आया था कि टाटा स्टील कंपनी के सामने कैश की संकट आ गई थी और कंपनियों के कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए उनके पास पैसे नहीं बचे थे चलिए आपको बताते हैं कहानी उस लेडी मेहरबाई टाटा की जिसकी बदौलत टाटा स्टील कंपनी को आज पहचान मिली है बहुत से लोग इस महिला को नहीं जानते होंगे जिसे व्यापार रूप से पहली भारतीय नारीवादी प्रतीकों में से एक माना जाता है !!

आपको बता दें देश की सबसे बड़ी स्टील कंपनी टाटा स्टील को बचाने में उनका योगदान के लिए भी माना जाता 
है आइए जानते हैं कैसे इन्होंने सही समय पर सही निर्णय लेकर टाटा स्टील कंपनी को डूबने से बचा लिया !!
अपनी नवीनतम पुस्तक टाटा स्टोरीज में हरीश हक बताते हैं कि कैसे लेडी मेहरबाई टाटा ने स्टील की दिग्गज कंपनी को बचाया था !!

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जमशेदजी टाटा के बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा ने अपनी पत्नी लेडी मेहरबाई के लिए लंदन के व्यापारियों से 245.35 कैरेट जुबली हीरा खरीदा था जो कि कोहिनूर 105.6 कैरेट कट से 2 गुना बड़ा होता है उन्नीस सौ के दशक में इसकी कीमत लगभग 100000 पाउंड थी या बेशकीमती हार लेडी मैहर माई के लिए इतना खास था कि वह इसे स्पेशल मौके पर पर पहनने के लिए रख दिया था लेकिन हालात साल 1924 में कुछ यू करवट लिया कि लेडी मेहरबाई ने इसे बेचने का फैसला लिया उस समय हुआ यूं कि टाटा स्टील के सामने बहुत बड़ा संकट आ गया कंपनियों के कर्मचारियों को वेतन देने तक कि पैसे नहीं बचे थे !!


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उस वक्त लेडी मेहरबाई के लिए कंपनी के कर्मचारी और कंपनी को बचाना ज्यादा सही लगा वह डायमंड सहित अपनी पूरी निजी संपत्ति इंपीरियल बैंक को गिरवी रख दी ताकि वे टाटा स्टील के लिए फंड जुटा सकें लंबे समय के बाद कंपनी के रिटर्न देना शुरू किया और फिर स्थिति में सुधार हुआ भट्ट ने कहा कि गहन संघर्ष के उस समय में एक भी कार्यकर्ता की चटनी नहीं की गई थी !!


अब आपको बताते हैं लेडी मेहरबाई की कुछ बातें टाटा समूह के अनुसार सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट की स्थापना के लिए सर दोराबजी टाटा की मृत्यु के बाद जुबली हीरा पीटा गया था लेडी मेहरबाई टाटा उन लोगों में से एक थी जिन जिन से 1929 में पारित शारदा अधिनियम या बालविवाह प्रतिबंध अधिनियम के लिए परामर्श किया गया था उन्होंने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी इसके लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया वह राष्ट्रीय महिला परिषद और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन का भी साथी 29 नवंबर 1927 को लेडी मेहरबाई के मिशीगन में हिंदू विवाह विवेक के लिए एक मामला बनाया !!

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उन्होंने 1930 में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन में महिलाओं के लिए समान राजनीतिक स्थिति की मांग की लेडी मेहरबाई टाटा भारत में भारतीय महिला लीग संघ के अध्यक्ष और बांबे प्रेसिडेंट महिला परिषद की संस्थापकों में से एक थी लेडी मेहरबाई के नेतृत्व में भारत को अंतर्राष्ट्रीय महिला परिषद में शामिल किया गया तो यह थी लेडी मेहरबाई टाटा की कहानी !!

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