नशा मुक्ति केंद्र क्या होता है ?
nashamukti kendra kya hota hai? ,नशा समाज की बुराई है लेकीन ये सच्चाई भी है कि यह हमारे समाज में बहुत अच्छी तरह से जड़े जमा चुका है|
आप छोटे गावं ,कस्बे या किसी महानगर कही भी रहते हो , आप को नशे से होने वाले दुष्परिणामो की झलक अपने आस -पास ही देखने को मिल जाएगी |स्कूल -कॉलेज , दफ्तर ,बाजार कोई भी जगह इस से बची नहीं है | ये एक ऐसी बिमारी है जिसमे न केवल एक व्यक्ति बल्कि पूरा घर परिवार तबाह हो जाता है | सर्वप्रथम नशा सेहत के लिए खराब तो होता ही है साथ ही यह पारिवारिक कलह और पैसो की बर्बादी के लिए भी जिम्मेदार होता है |
हम अपने लिए , अपने पारिवार के सदस्य या जिसको भी हम चाहते है उसकी नशे की लत छुड़ाने के लिए लाख जतन करते है | उसी में से एक अच्छा विकल्प है ''नशा मुक्ति केंन्द्र या रीहैबसेण्टर '' का चुनाव करना | आइये जानते है ,इनके काम करने का तरीका |
हमारे देश में कई तरह के नशा मुक्ति केंद्र मौजूद है ,इनकी महीने की फीस लाखो से लेकर कुछ हजार तक है सबसे पहले हमे ये समझना होगा की नशा अलग -अलग प्रकार का होता है और समूचे देश में एक तरह की जलवायु नही है |आइये जानते है उन प्रक्रियाओं को जो सामान्य रूप से सारे प्रमाणित नशा मुक्ति केंद्र या रीहैब सेण्टर अपनाते है |
- विथड्रावल पीरियड- सबसे पहले हमे ये समझना होगा कि कोई भी व्यक्ति जो नशे का आदि हो चुका है उसके लिए शुरुआत के दिन कठिन होते है | इसकी वजह यह है कि नशा करने वाले व्यक्ति का शरीर नशे के पदार्थ का अभ्यस्त हो चुका होता है | इसके कारण मरीज को भूख न लगना , शरीर में कंपन, नीद न आना आदि समस्या का सामना करना पड़ता है विथड्रावल पिरीयड के दौरान नशा मुक्ति केंद्र या रीहैब सेण्टर के स्टाफ द्वारा मरीज का पूरा ख्याल रखा जाता है और मरीज को तकलीफ से उबारने के लिए जरुरत के हिसाब से दवाईया भी दी जाती है | यह पीरियड १ सप्ताह से लेकर 20-25 दिन तक का हो सकता है , इसकी अवधि नशे के प्रकार और सेवन की मात्रा पर निर्भर करता है |
- रूटीन में लाना - जब मरीज के अंदर से विथड्राव के लक्षण ख़त्म हो जाते है उसके बाद धीरे -धीरे स्टाफ की मदद से मरीज को केंद्र के सामान्य रूटीन में लाया जाता है | इस रूटीन में योगा ,ध्यान ,व्यायाम , समय पर भोजन , मनोरंजक गतिविधियों , शेयरिंग मींटिंग आदि शामिल होती है | शेयरिंग मींटिंग में मरीज अपने नशे से जुड़े अनुभवों को दूसरें साथियों के साथ बाटता है जिससे मरीज का मन हल्का होता है और इस रूटीन की मदद से मरीज के स्वास्थय में सुधार आता है |

- मरीज की जिम्मेदारीयां - पूरा स्टाफ हर मरीज की प्रगति पर ध्यान देता है |जो भी मरीज बेहतर प्रोगरेस दिखाता है उसके हाथ में थोड़ी बहुत केन्द्र की जिम्मेदारीया दी जाती है , जिस से उसका मनोबल बढ़ता है और अन्य मरीजो का भी आत्मविश्वास बढ़ता है |
पूरे देश में नशा मुक्ति केंद्र रीहैबसेण्टर खुल्रे हुए है | ये जरुरी नहीं है की हर नशा मुक्ति केंद्र या रीहैबसेण्टर यही तरीका अपनाते हो | कई सेंटर ऐसे भी है जिनमे फर्जी या बेढंगे तरीके से काम किया जाता है |
इसलिए यह बहुत जरुरी हो जाता है कि आप अपने परिवार के सदस्य के लिए या अपने लिए किसी नशा मुक्ति केन्द्र का चुनाव करे तो अच्छी तरह से केंद्र के बारे में जानकारी पता कर ले | नशा मुक्ति केंद्र में कैसे रखा जाता है , नशा मुक्ति केंद्र में क्या होता है |
नशा मुक्ति केंद्र , अंदेशनगर लखीमपुर खीरी
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