कोविड -१९ की बिमारी को रोकने के लिए २ पार्टो को समझना होगा |
वैश्विक महामारी (छुआछूत की बिमारी ) को लेकर गलत सूचना प्रसारित करना भी एक अपराध है! किसी को ऐसा करने से बचना चाहिए !अनदेखा करना ;
भारतीय शारीरिक ताकत ; हमारे देश में कुछ लोगो का यह भी मानना है , की उनकी शारीरिक ताकत इस रोग से लड़ने की नही है ,तथा उन्हें यह भ्रम भी हो जाता है की वह इस वजह से रोग की चपेट में बाकियों की अपेक्षा जल्दी आयेगे |गर्मियों में वायरस ख़त्म हो जायेगा ; जैसा की आप सब लोग जानते है , कि यह वायरस मार्च माह की शुरुआत में ही दस्तक दे चुका था ,तथा इसका प्रभाव अक्टूबर में जाकर थोडा कम हुआ था | तब भी कुछ लोगो को यह ग़लतफ़हमी है, की कोरोना गर्मियों में खत्म हो जायेगा |
भाप लेने से वायरस ख़त्म हो जाता है ; इस तरह की अफवाहे गावं तथा पिछड़े वर्ग के क्षेत्रो में ज्यादातर सुनने को मिलती है, जो की गलत है | तथा प्रशासन को भी इस पर ध्यान देना चाहिए |
प्रूफ ; हमारे देश में वैश्विक महामारी फैलने के बाद भी कुछ लोग इस बीमारी को बिमारी नही मानते ,क्योकी उन्हें लगता है कि यह एक अफवाह है ,न की कोई बीमारी |जिस तरह 100 साल पहले एक बिमारी फैली थी, स्पेनिश फ्लू |
तब हमारे देशवासियों ने इसे ईश्वर का प्रकोप माना था तथा सिर्फ अपने बचाव के लिए किसी कपड़े या रुमाल से अपना -अपना मुह ढक लेते थे , पर आज हमारा देश तरक्की कर चुका है तथा आज हम कोरोना माहामारी से लड़ सकते है तथा इसका इलाज भी कर सकते है बस जरुरत है तो सिर्फ हिम्मत की |
मंत्र ; पिछड़े वर्ग के क्षेत्रो यह माना जाता है कि ईश्वर का नाम लेने से इस बीमारी पर हम नियंत्रण पा सकते है पर ऐसा नहीं है ईश्वर का नाम लेने के साथ - साथ हमे कोरोना से जुड़े दिशा -निर्देशों का भी पालन करना होगा | जिसमे मुख्य है , सोशल डिस्टेंसिंग , और मास्क लगाना |
९७४ के अन्दर चेचक का रोग भारत के कुछ क्षेत्रो में फैला था वह थी महामारी | १९९४ में प्लेग महामारी सामने आई थी ,तथा २००९ में स्वाइन फ्लू नामक रोग भारत में तेजी से फैला था |
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