भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका के दौरे के दौरान कुछ समुदाय के लोगों ने बहुत विरोध किया। लोकतंत्र के नाम पर मोदी को खतरा बताया। कुछ पुरानी घटनाओं को लेकर मोदी का बहुत विरोध हुआ इस पूरे दौरे के दौरान मोदी को जिस विरोध का सामना करना पड़ा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारत की जनता मोदी के विरोध की जानकर बन गई।
प्रधानमंत्री मोदी को शायद इस बार आभास हो गया। कि विश्व के कोने कोने में अगर उनके समर्थक हैं तो उनके विरोधी भी हैं राष्ट्रपति जो बार्डन के साथ मोदी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी भाग लिया जिसमें भारत के लोकतंत्र को लेकर मोदी से सवाल किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र के सवाल को गोल जवाब देकर पास कर दिया। मोदी से लोकतंत्र के ऊपर जो सवाल पूछा गया था मोदी जी शायद उसकी थीम से ही भटक गए थे। इसीलिए लोकतंत्र का गुणगान करने लगे। लेकिन भारत में लोकतंत्र का हनन कैसे हो रहा है इस पर स्पष्टीकरण नहीं दे पाए।
मोदी जी के समर्थक मेरे द्वारा लिखे गए इस लेख पर आपत्ति कर सकते हैं क्योंकि इस युग में गलती को स्वीकार करना बहुत बड़ी बात है और अगर कोई आपको गलत बताता है या दर्शाता है तो उसका सामना करने की जगह आप उनके ऊपर हावी हो जाओ या उनकी बात का गोल जवाब दो। यही शायद अमेरिका में मीडिया के सामने मोदी जी ने किया। मोदी जी इस समय भारत का बहुत बड़ा नाम है और भारत के सबसे बड़े नेता है। उनके द्वारा लिए गए फैसले भारत के भविष्य को तय करेंगे। परंतु उनके कुछ फैसलों से विश्व के कई जागरूक लोग सहमत नहीं हैं यही समय का मुद्दा है।
मोदी जी के ऊपर जो विपक्षी सोच वाले इस समय हावी हो गए हैं उसी कारण से बीजेपी नेतृत्व को बदलने की जरूरत शायद महसूस हो रही है। क्योंकि नए आने वाले चेहरे को टारगेट करने में बीजेपी एक चुनाव और जीता जाएगी। यही रणनीति होनी चाहिए परंतु दुनिया में जो लोकतंत्र विरोधी सरकार का प्रचार बीजेपी के खिलाफ हो रहा है उस माहौल को बदलना जरूरी है। बाकी कुछ आप विचार रखें।
धन्यवाद।
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